प्रभु येशू ख्रिस्त का अनमोल वचन Jesus Christ Vachan
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jesus vachan Jesus message |
परमेश्वर के वचन की ताकत
हमारी अधिक तर समस्या का हल एक ही है और वह है वचन अधिकतर लोग परमेश्वर के वचन के सामर्थ्य को समझ नहीं पाते यीशु ने कहा यदि तुम मेरे वचनों में बने रहोगे और मेरे वचनों को जानोगे तो वचन तुम्हें स्वतंत्र करेंगे हमारे बीते हुए कल के खराब परिस्थितियों के कारण हमारे व्यक्तित्व भी उसका बुरा असर होता है।
और परमेश्वरी चाहता है कि वह हमारा जीवन बदले लेकिन यह बदलाव एक रात में नहीं आता फिर भी हम आपसे यह कहना चाहेंगे कि यदि आप परमेश्वर के वचन का पालन करते हैं। परमेश्वर के वचनों की शक्ति से आपका जीवन बदल जाएगा हमने यह जाना है के परमेश्वर के वचनों को हमारे जीवन में उतारना चाहिए । बहुत बार हम नकारात्मक बातों के लिए बंधन में होते हैं । हमारे जीवन के परिस्थितियां नकारात्मक होती है।
नकारात्मकता को दूर करें
हमारी सोच और विचार हमारा बोलना भी नकारात्मक होता है। लेकिन बाइबल कहती है। "यदि दो मनुष्य सहमत ना हो तो वह एक साथ कैसे चल सकते हैं" उसी तरह हम नकारात्मक विचारों के साथ परमेश्वर का वचन अपने जीवन में नहीं उतार पाते। परमेश्वर के पास आपके जीवन के लिए बहुत ही सुंदर जीवन हो सकता है लेकिन उसके लिए आपको परमेश्वर के वचनों के साथ एकमत होना पड़ेगा और ईश्वर का वचन अपने जीवन में लाना पड़ेगा। हम हर बार परिस्थिति को कोसते रहते हैं लेकिन हमें परमेश्वर के वचन की तलवार से उस परिस्थिति का सामना करना होगा। लुक के चौथे अध्याय में शैतान ने परमेश्वर को बेहकाने की कोशिश की लेकिन परमेश्वर ने अपने वचनों से और शैतान को पराजित कर दिया।
उच्च स्वरों में परमेश्वर की महिमा करें।
हमारे शब्द बहुत शक्तिशाली है। समस्याओं मे हम बहुत असहाय महसूस करते हैं । हमें उन समस्याओं से बाहर निकलने का कोई तरीका समझ नहीं आता लेकिन हमें परमेश्वर के वचनों को बोलकर जीवन में लागू करना होगा। परमेश्वर के विचार हमारे जीवन से जोड़ने होगे। हमें परमेश्वर के वचन उच्च स्वरों में पढ़ने होंगे। परमेश्वर के वचन हमारे विचार से ऊंचे हैं। किसान जमीन में बीज होता है और बारिश आ कर उस बीज को सिंचती है। उसी तरह परमेश्वर के मुंह से निकला वचन किसी वजह से निकला है और अपना मकसद पूरा करने के बाद ही वह लौटेगा। हम परमेश्वर का वचन उच्च स्वरों में बोलते हैं। तब हम उस वचन को अपना कार्य करने के लिए भेजते हैं और वह वचन अपना कार्य करता है। हमारे जीवन में बदलाव लाने के लिए हमें परमेश्वर पर विश्वास होना बहुत ही जरूरी है।
हमें विश्वास को परमेश्वर के वचनों को उच्च स्वरों में बोलकर प्रकट करना होगा। हमें उच्च स्वरों से परमेश्वर की प्रार्थना करनी होगी। या हमें परमेश्वर की प्रेरणा से अच्छे कार्य करें होगे ऐसा करने से हम हमारी परिस्थिति के बदलाव के लिए बीज बोते हैं। कठिन परिस्थितियों में हमें नकारात्मक ना होकर परमेश्वर के वचन मे प्रार्थना करनी चाहिए। हमें अतीत की बातों को बुलाकर परमेश्वर के वचनों में नया जीवन शुरू करना चाहिए बीते हुए कल बुलाकर परमेश्वर के वचनों में नया जीवन शुरू करना चाहिए। बीते हुए कल की परिस्थितियां हमें छोड़ कर नया जीवन शुरू करना चाहिए। परमेश्वर से मिले नए जीवन के अनुसार हमें चलना चाहिए।